जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, तो उसका छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यही घटना चंद्र ग्रहण कहलाती है। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह या भागिक रूप से अंधा दिखाई देता है। कई लोग इसे रहस्यमय मानते हैं, लेकिन असल में यह खगोल विज्ञान का एक साधारण नियम है।
ग्रहण दो तरह के होते हैं – पूर्ण (पार्श्व) और अपरिपूर्ण। पूर्ण ग्रहण में सूर्य की पूरी छाया (उवल) चंद्रमा पर गिरती है, इसलिए चंद्रमा लम्बे समय तक लालिमा में बदल जाता है। अपरिपूर्ण ग्रहण में केवल केवल आधा भाग अंधा रहता है, और चंद्रमा का बाकी हिस्सा सामान्य दिखता है।
खगोल विज्ञान के कैलेंडर के अनुसार, भारत में 2025 में दो मुख्य चंद्र ग्रहण होंगे। पहला 7 मार्च को आंशिक ग्रहण है, जिसमें लगभग 60 % चंद्रमा अंधा होगा। दूसरा 2 जुलाई को पूर्ण ग्रहण है, जहाँ रात के मध्य में लगभग दो घंटे तक चंद्रमा लालिमा में बदल जाएगा। इन तिथियों को याद रखें, क्योंकि मौसम के अनुसार दृश्यता बदल सकती है।
यदि आप किसी विशेष शहर में रह रहे हैं, तो स्थानीय समाचार या एस्ट्रोनोमी ऐप से पता कर सकते हैं कि उस दिन के लिए कौन‑सा समय सबसे अच्छा रहेगा। आम तौर पर, चंद्र ग्रहण देर शाम के बाद शुरू होता है और रात के मध्य तक चलता है।
चंद्र ग्रहण को देखना आँखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता, क्योंकि सूर्य की सीधी रोशनी नहीं पड़ती। फिर भी कुछ बुनियादी बातें याद रखनी चाहिए:
इन आसान टिप्स को फॉलो करके आप चंद्र ग्रहण का भरपूर आनंद ले सकते हैं, बिना किसी जोखिम के।
चंद्र ग्रहण को लेकर भारत में कई कहानियाँ और मान्यताएँ भी हैं। कुछ लोग इसे शुभ संकेत मानते हैं, जबकि कुछ इसे बुरा भाग्य का संकेत समझते हैं। आजकल वैज्ञानिक इन मिथकों को समझाते हैं और हमें सिखाते हैं कि प्रकृति के नियमों को कैसे देखना चाहिए।
अगर आप चंद्र ग्रहण के साथ जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य भी जानना चाहते हैं तो यहाँ कुछ छोटे‑छोटे पॉइंट्स हैं:
इस टैग पेज पर आप चंद्र ग्रहण से जुड़ी सभी नई खबरें, विज्ञान से जुड़े लेख और देखी गई फ़ोटो देख सकते हैं। अगर आप इस विषय में और गहराई से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे के पोस्ट्स को पढ़ें।
बिना झिझके इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखिए, फोटो खिंचवाइए और दोस्तों‑परिवार के साथ साझा कीजिए। चंद्र ग्रहण सिर्फ एक प्राकृतिक परिघटना नहीं, बल्कि हमारे ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने का एक मौका है।